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कुंवार बिधवा – दिलीप कुमार पाण्डेय

adminSep 26, 20242 min read

जीवन के बडकी भउजाइ जवन बिआह का दूसरके साल मुसमात हो गइल रही बहुत दिन से उनका के बोलावत रही। जीवनो बहुत दिन से सोचत रहस भउजाइ से भेंट करेला। लेकिन संजोग ना बनत रहे। बिधवा बिआह के तमाम बिरोधो…

अधिगत जागल हो सजनी – संत गुलाल साहब

adminSep 27, 20241 min read

अधिगत जागल हो सजनी। खोजत-खोजत सतगुरु पावलताहि चरनवाँ चितवा लागल हो सजनी॥ साँझि समय उठि दीपक बारलकरमवा मनुबाँ पागल हो सजनी॥ चललि उबटि बाट, छुटलि दकल घाटगरजि गगनवा अनहद बाजल हो सजनी॥ गइली अनँदपुर भइली अगम सूरजितली मैदनवाँ नेजवा गाड़ल…

चुप्पे चोरी बदरा के पार से / प्रकाश उदय

adminSep 22, 20241 min read

उड़े खाती चिरईं के पाँखबुड़े खाती मछरी के नाक लेबउड़े-बुड़े कुछुओ के पहिले। चुप्‍पे-चोरी चारो ओरी ताक लेबचुप्‍पे चोरी बदरा के पार सेसँउसे चनरमा उतार केमाई तोर लट सझुराइबचुप्‍पे चोरी लिलरा में साट देब। भरी दुपहरी में छपाक सेपोखरा में…

अशेष प्रेम प्रत्यय / परिचय दास

adminSep 22, 20243 min read

कई बेर सांझी के बेराबँसवारी के ललचौंह में चुपचाप बइठलएगो छेड़ देईलाँ किस्सा कहनीअढ़उल के फूल के गप्पगुल्लर के पेड़ के अंतरंग अलापपृथिवी के शब्दहीनता के भावआत्मा के उड़ान भरत लइकन के उजासअकास के इंद्रधनु के भित्तर बइसल एगो कोमल…

जीवन यात्रा/ जगदीश नारायण सिंह ‘ऋषिवंशी’

adminSep 30, 20241 min read

अइलै माया की नगरिया, रोवत क बचवा ।तजलै माई क ओझरिया चलत क बचवा ।। नव माह तक गरभ में रहलै फिर धरती पर अइलै ।माया क हावा लगते ही सारा ज्ञान भुलइलै ।। फिर भी खुलल ना नजरिया रोवत…

कविता

गीत

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सखी हमरो बलम/ यमुना तिवारी ‘व्यथित’

सखी हमरो बलम/ यमुना तिवारी ‘व्यथित’

adminOct 4, 20241 min read

सखी, हमरो बलम,कारखाना में काम करेलन । कारखाना जाइ के लोहा बनावेलन,लोहा बनाई देश आगे बढ़ावेलन,देश के खातिर पसीना बहावेलन,देशवा के खातिर जीवन अपरन ।सखी, हमरो बलम | कन्हियाँ पर हल लेई तोहरो सजनवाँ,अन्न उपजाव, भइले गाँव के किसनवाँ,हरवा कुदरिया…

सामयिक रचना/ यमुना तिवारी ‘व्यथित’

सामयिक रचना/ यमुना तिवारी ‘व्यथित’

adminOct 4, 20241 min read

संसद पर कइलसजवन आतंकी चढ़ाई,ओकरो के देशवा मेंफाँसी ना दिआई ।सुरसा के मुँह असबढ़ता महंगाई,नंगा निचोड़ी काका ऊ नहाई ?सामाजिक समरसता केदेके दुहाई,आरक्षन के नाम परहोत बा लड़ाई ।पेट्रोल डीजल महंगा भइलेमहंगा भइल ढोआई,सब्जी-भाव आकास छूएका कोई खाई ?