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आईल बाटे फिर से बाबा शिवरात्रि के त्यौहार/ अभयकृष्ण त्रिपाठी

adminOct 7, 20241 min read

आईल बाटे फिर से बाबा शिवरात्रि के त्यौहार,भोले बाबा सुनी लिह बिनती हमार,मत दीह केहु के भी कवनो उपहार,भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा हमार II पापियन के नाश के महिमा सुनाईले,भस्मासुर के लीला भी भूले ना भुलाईले,भरल बाटे एही…

बसन्त / चौधरी कन्हैया प्रसाद सिंह ‘आरोही’

adminSep 20, 20241 min read

आइल मस्त महीना सजनी, धरती पर मुस्कान रे।।झुकल आम के डाढ़ि बौर से, भीतर कोइली बोललसाँझ समीरन बहल मस्त हो, बिरहिनि के मन डोललमहुआ के डाढ़ी पर उतरल, हारिल लेइ जमात रे।। आइल….. लाल सुनर पतई पेड़न के फुलुंगी पर…

बलिदानी कुंवर सिंह / भुवनेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव ‘भानु’

adminSep 22, 20241 min read

रन से बन ले अमर गगन में,गुंजत इहे कहानी बा।एह सुराज के ताज पहिलका,कुंवर सिंह बलिदानी बा।जेकर बलि बिरथा ना भारत,माई फिर महरानी बा।रंग तिरंगा बीच केशरिया,लहरत अमर निशानी बा।लहू लेपले लाल सुरूज ई,ढ़ाल जेकर मरदानी बा।जेकरा जस के हँस-…

बिछौना बेवधान के – देवेन्द्र कुमार राय

adminSep 24, 20241 min read

करे खातीर शासन सभे बेंचलसि बिचार,  हार होइबे करी।  चुटुकी भर पावे खातीर करब जब मार,  हार होइबे करी।टेक।  बसुधा कुटुम्ब सोंच पुरुखन के रहे,  सुख दुख मिलिजुल सभकेहु सहे,  लालच लोभ दिहलसि दुखवा आपार  हार होइबे करी। चुटुकी——–जब मार।…

फगुनवाँ गउवाँ में आइल – जगदीश पंथी

adminSep 26, 20241 min read

चइती फसिल गदराइल, फगुनवाँ गउवाँ में आइल,धरती पियरकी रंगाइल, फगुनवाँ गउवाँ में आइल। पेड़वा पुरनकी पतइया गिरावैनई-नई कलंगी से देहिया सजावैपछुआ बयरिया रसाइल, फगुनवाँ गउवाँ में आइल। ‘पिउ-पिउ’ पपिहरा कोइलिया के बोलीभउजी के आइल दुअरवा पर डोलीमुनियाँ के सुदिन धराइल,…

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धर्माचरण/ प्रभास चन्द्र कुमार सिंह

धर्माचरण/ प्रभास चन्द्र कुमार सिंह

adminOct 4, 20241 min read

सिख मुसलमान जहाँ, इसाई हिन्दूवान जहाँ,रहत भी समान जहाँ, उहे बिहार ह5 | आदिवासी थारु जहाँ, उराँव संथारू जहाँ,चेरो खरवारू जहाँ, उहे बिहार हऽ । धार्मिक त्योहार जहाँ, उत्सव लोकाचार जहाँ,सौहार्द्र-व्यवहार जहाँ, उहे बिहार हऽ आपसी सद्भाव जहाँ, हेल-मेल भाव…

सखी हमरो बलम/ यमुना तिवारी ‘व्यथित’

सखी हमरो बलम/ यमुना तिवारी ‘व्यथित’

adminOct 4, 20241 min read

सखी, हमरो बलम,कारखाना में काम करेलन । कारखाना जाइ के लोहा बनावेलन,लोहा बनाई देश आगे बढ़ावेलन,देश के खातिर पसीना बहावेलन,देशवा के खातिर जीवन अपरन ।सखी, हमरो बलम | कन्हियाँ पर हल लेई तोहरो सजनवाँ,अन्न उपजाव, भइले गाँव के किसनवाँ,हरवा कुदरिया…