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ई त दिअना ह जिनगी के…
ई त दिअना ह जिनगी के…

ई त दिअना ह जिनगी के जरबे करीकहियो मन के भरमवा त मेटबे करी अब गन्हाइल ई पोखर…

नेहा बरसल / धीरेन्द्र बहादुर ‘चाँद’
नेहा बरसल / धीरेन्द्र बहादुर ‘चाँद’

नेहा बरसलधरती जागलजागल जन के आशागावत हँसत किरिनिया आइलभागल सघन निराशानेहा बरसल, धरती जागलआसमान सेझरल बदरवा जानऽइन्द्रदेव केफटल…

धीरेन्द्र बहादुर ‘चाँद’ - भोजपुरी मंथन