आईल बाटे फिर से बाबा शिवरात्रि के त्यौहार/ अभयकृष्ण त्रिपाठी
आईल बाटे फिर से बाबा शिवरात्रि के त्यौहार,
भोले बाबा सुनी लिह बिनती हमार,
मत दीह केहु के भी कवनो उपहार,
भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा हमार II
पापियन के नाश के महिमा सुनाईले,
भस्मासुर के लीला भी भूले ना भुलाईले,
भरल बाटे एही गुणवा सबमे अपार,
मत दीह केहु के… II
भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा हमार II
कईसे सुनायी बाबा दिल के दरदिया,
कलयुग के मथनि से बस बहेला गरलिया,
फ़ोरत बाटे हर केहु मद में दूजा के कपार,
मत दीह केहु के… II
भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा हमार II
बा ड़ भोला नाथ जी बहुते उदार,
अरपन करत बानी बेल अउर मदार,
पी ल गरलिया सबकर होई बेड़ा पार,
मत दीह केहु के… II
आईल बाटे फिर से बाबा शिवरात्रि के त्यौहार,
भोले बाबा सुनी लिह बिनती हमार,
मत दीह केहु के भी कवनो उपहार,
भोले बाबा, भोले बाबा, भोले बाबा हमार II