आव ई त घर आपन बा, का दुआरे खड़ा हो सँकोचत बाट।
का घर के सुध आवतिआ, खम्हिया से खड़ा होके सोचत बाट।।
मान जा बात हमार कन्हैया, चल हमरे घर भीरत आव।
नींद अकेले न आवतिआ, कहनी कहिह कुछ गीत सुनाव।।
आव ई त घर आपन बा, का दुआरे खड़ा हो सँकोचत बाट।
का घर के सुध आवतिआ, खम्हिया से खड़ा होके सोचत बाट।।
मान जा बात हमार कन्हैया, चल हमरे घर भीरत आव।
नींद अकेले न आवतिआ, कहनी कहिह कुछ गीत सुनाव।।