इहे बाबू भइया / आचार्य महेन्द्र शास्त्री

Image

इहे बाबू भइया / आचार्य महेन्द्र शास्त्री

कमइया हमार चाट जाता, इहे बाबू भइया।

जेकरा आगा जोंको फीका, अइसन ई कसइया
दूहल जाता खूनो जेकर, अ इसन हमनी गइया॥

अंडा-बाचा, मरद मेहर दिन-दिन भर खटैया
तेहू पर ना पेट भरे, चूस लेता चइँया॥

एकरा बाटे गद्दा-गद्दी, हमनी का चटइया
एकरा बाटे कोठा-कोठी, हमनी का मड़इया॥

जाड़ो ऊनी एकरा खातिर खाहूँ के मलइया
हमनी का रात भर खेलावेले जड़इया॥

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

इहे बाबू भइया / आचार्य महेन्द्र शास्त्री – भोजपुरी मंथन