गंगा की सफाई योजना/ प्रभास चन्द्र कुमार सिंह
गंगा की सफाई चेष्टा, योजना के लक्ष्य मान,
राष्ट्रव्यापी सबके द्वारा, कार्य अभियान बा ।
सरकारी सामाजिक भी, धार्मिक संस्थान सेहू,
हर देशवासी शामिल विदेशियो मेहमान बा ।
स्वतःस्फूर्त चाहे, दूजा द्वारा प्रेरित होकर,
धर्म कर्तव्य नीज, दायित्व मान लागे बा।
सबसे प्रधान लेकिन, जासे प्रदूषण बढ़त,
वैसे-वैसे आदंत के, फर्ज मान त्यागे बा ।
व्यापक बा योजना यह, रूप भी विशाल एकर,
उहे होई सबसे सक्षम, सबसे जे आगे बा ।
अतः कि प्रधामंत्री, अथवा कि राष्ट्रपति,
अगुवाई करे जेके अधीन, सारा ही विभागे बा ।
बा ।
शाश्वत ई नियम बा, योजना अगुवाई हेतु,
सफलता की प्राप्ति प्रति, निर्णित विधान
पूरा राष्ट्र पीछे लाग, संभारत बा भार खूद,
यथायोग्य तने धने, करत योगदान बा ।
हमार भी लगाव एह से, रहल बा साहित्यिक रूपे,
प्रेरणा से एस. पी. सिंह के, प्रस्तुत प्रमान बा ।
अतः सविनय भरोसा मैं, बक्सर की ओर से,
दिलावत कि बेसी करत, आवत योगदान बा ।