गर्मी के छुट्टी – निशा राय
शुरू भइल गर्मी के छुट्टी,
मत करिहा पुस्तक से कुट्टी।
सूरज के विकराल रूप से,
बचके रहिहा कड़ा धूप से।
रोज पाठ दुहरावत रहिहा,
खीरा-ककरी खावत रहिहा।
मामा-मौसी के घर जइहा
नाना-नानी से मिल अइहा।
काम समय पर पूरा करिहा,
मैडम के दुलरुआ रहिहा।
एक जुलाई भूल ना जइहा
बन ठन के तू पढ़े अइहा।
बन ठन के तू पढ़े आइहा॥