गुरु जी पधरनी दुवार/ दीपक तिवारी

Image

गुरु जी पधरनी दुवार/ दीपक तिवारी

रउवा ढेर दिन पर गुरु जी पधरनी दुवार,
अवसर दिहनी हमरा के करे के सत्कार।

हाल चाल कुशल मंगल आपन बताई,
दिहीं आशीष शिर पर हथवा फेराई।
मकसद बताई लेके अइनी का विचार…
अवसर दिहनी हमरा के करे के सत्कार।

धन्य हो गइनी हम महल में पाके,
रउरी चरणीयाँ में मस्तक झुँकाके।
खुँश बाटे आज सभ राज दरबार…
अवसर दिहनी हमरा के करे के सत्कार।

गुरु जी के दरसन कइल लो चारो भाई,
लगही बइठल लो चारो आसन लगाई।
रउरी कृपा से बदले दुनियाँ के व्यवहार…
अवसर दिहनी हमरा के करे के सत्कार।

राजा दशरथ सेवा में ना कइले कवनो कमी,
आ एने गुरु वशिष्ठ जी सधले रहले दमी।
उत्साहित सम्मुख जुटल रहे परिवार…
अवसर दिहनी हमरा के करे के सत्कार।

इच्छा कुछो होखे त बोलीं करि प्रकट,
केहू रउरी शरण में होला ना करप्ट।
कहs तानी रउवा से हम बार,बार…
अवसर दिहनी हमरा के करे के सत्कार।

खुशी आइल बाटे घर में ढेर दिन के बाद,
रउवा दिही आशीर्वाद सभे रहे आबाद।
सुखी रहे सम्पन्न हमार जग संसार…
अवसर दिहनी हमरा के करे के सत्कार।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

गुरु जी पधरनी दुवार/ दीपक तिवारी - भोजपुरी मंथन