गुरु पुर्णिमा/ जगदीश नारायण सिंह ‘ऋषिवंशी’

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गुरु पुर्णिमा/ जगदीश नारायण सिंह ‘ऋषिवंशी’

गुरु का हमारे देश में तो पूज्यनीय महत्त्व है ।
गुरु पुर्णिमा दिवस का गरिमामयी अस्तीत्व है ।।
गुरु पुर्णिमा अपनी जगह शिक्षक दिवस अब आ गया ।
इस बदलते वक्त में स्थान उत्तम पा गया ।।

तब कहाते थे गुरू अब बढ़के गुरूवर हो गए।
तब छुवाते थे चरण अवतो ये सर हो गए ।।
मार्डन युग में गुरू का खासा प्रमोशन हो गया ।
श्रद्धा विगड़ जाने से शिष्य का, भारी डिमोशन हो गया ।।

गुरु भक्ति एवं आचरण में भी बदलवन हो गया।
अब नमस्ते बंदगी पर हाय प्रचलन हो गया ।।
भारत की संस्कृति भूलकर पाश्चात्य की करते नकल ।
है डूबती भारत की अब यह आध्यात्मवादी सब शकल ।।

आचार और विचार में भी बढ़कर असर अब हो गया।
इस बदलते समय में सब कुछ प्रखर अब हो गया ।।
प्राचीन और नवीन में जगदीश अन्तर हो गया ।
गुरु तो गुड़ ही रह गए चेला तो शक्कर हो गया । ।

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