चुनाव/ बब्लु सिंह

Image

चुनाव/ बब्लु सिंह

आई फेरु चुनाव आ ,नेताजी लो आई,
दुधमुँहा लइकन जस, लोगवन के भरमाई !!

केहू मिटाई गरीबी,
केहू आरक्षण खतम कर जाई,
चोंगा लें के गली गली,
विकाश देखावल जाई !!

पाँच बरिश लउकले ना,
तबो इनकर जोर बा,
एक आना के काम ना भइल,
तबो इनकर शोर बा !!

प्रजातंत्र के हाला में,
ग़ुम भइल घोटाला बा,
ब्रह्मास्त्र सभे रखले बा,
लास्ट उपाय मधुशाला बा !!

रंगा सियार जस, रंग बदल, घरे घरे वोट मंगाई,
आई फेरु चुनाव आ , नेताजी लो आई !!

भरमावे के जडी जानत बा लो,
जनता के मूरख मानत बा लो,
बिना जरवले चुल्ही में लकड़ी
ढेरे पनिया में आंटा, सानत बा लो !!

राजनीती नाही इ अभिनय ह,
झूठ के साँच, बतावे के !
अकील ज़ब भुला जाव त,
जातिवाद में सेंध लगावे के !!

राजनीती नाही इ अभिनय ह,
मुखौटा आपन देखावे के !!

एक धर्म के बात ना बा, दलित, सामान्य कहाई,
आई फेरु चुनाव आ , नेताजी लो आई !!

बैनर पोस्टर के होइ बौछार
महीना चुनाव के, मचावे हंगामा,
चमचा बेलचा के आई बहार,
लोकतंत्र बनी फेरु पायजामा !!

वादा, इरादा सभ घुप्प हो जईहे ,
बुद्धिजीवी वर्ग सभ, चुप हो जईहे,
जमीनी समस्या के केहू ना निरखत
ढेरे लोग धन लोलुप हो जईहे !!

“बवाली” इहे सोचस खाली,
लुटल गरिमा ल लो बचाई

आई फेरु चुनाव आ , नेताजी लो आई !!
दुधमुँहा लइकन जस, लोगवन के भरमाई !!

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

चुनाव/ बब्लु सिंह - भोजपुरी मंथन