जवाहिर लाल/ झुन्नी लाल
जवाहिर लाल दिहलन गरीब दुख टारी ।
बहुत दिनन से गुलामी रहे जारी ।
सेकरा के कइलन उजारी || जवा०
भइया गरीब के कटल दुख भारी |
नाया-नाया कानून देखऽ कइलन जारी ॥ जवा०
बापू – पथ चलि के कइलन उपकारी ।
देस के भलाई खातिर नीज धन टारी ॥ जवा
अइसन नेता के ऊपर जाहुँ बलिहारी ।
मुन्नी लाल कहे इहे सभऽसे पुकारी ॥ जवा०