दियना/ मदन मोहन सिन्हा ‘मनुज’
अबहूँ अइले ना जड़वा से जोरनी गिरहिया
मनवा सुनुगेला करसिन अगिया
जोन्हि बइरिन भइल, सउतिया चाननी, डाहे रतिया
गीत पनघट, पियासलि पिरितिया
लोर ढरके ना दीहीं, कोर भरके ना दीहीं, राखी थतिया
राखि होइ जहझें लहकलि अगिनिया
नउजी आवS बलम बिसरावS जनम के बतिया
हम अगोरब सारी जिनिगिया
दियना बरतै रही सारी रतिया । ।