सागर से भेंट/ डॉ॰ शारदा पाण्डेय
देखत अँजोरिया, सेराइल रतिया
हम का करों केकरा से का कहीं ?
बहे पुरवइया झकोरेला फेड़वा,
थमि यमि वहि जाला मन के सपनवा,
मूदीले अँखिया, तवो ना रही ?
हम का करीं….. …
पानी में आगी, आगी में बहे पानी
वाटे जइसे जिनिगी में सुख दुःख के घानी,
जेकरा पर परी उहे सही । हम का करों…..