धर्माचरण/ प्रभास चन्द्र कुमार सिंह
सिख मुसलमान जहाँ, इसाई हिन्दूवान जहाँ,
रहत भी समान जहाँ, उहे बिहार ह5 |
आदिवासी थारु जहाँ, उराँव संथारू जहाँ,
चेरो खरवारू जहाँ, उहे बिहार हऽ ।
धार्मिक त्योहार जहाँ, उत्सव लोकाचार जहाँ,
सौहार्द्र-व्यवहार जहाँ, उहे बिहार हऽ
आपसी सद्भाव जहाँ, हेल-मेल भाव जहाँ,
हितारू लगाव जहाँ, उहे बिहार हऽ ।
सर्वधर्म सिद्धान्त जहाँ, कायम बुझात जहाँ,
होत सम्मिलात जहाँ, उहे बिहार ह5 |
आपसी मिलान जहाँ, देश ला गुमान जहाँ,
दिहल जात जान जहाँ, उहे बिहार ह |
हथेली पे ले जान जहाँ, देश ला जवान जहाँ,
होखत कुर्बान जहाँ, उहे बिहार ह |
संगही सिख इसाई जबकि, बाटे हिन्दु मुसलमान ।
के बिहार के सोझा तब, फडकी सीना तान ।।