नवका जमाना / आदित्य दूबे

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नवका जमाना / आदित्य दूबे

सादर परनाम ए बिग्यान के चमतकार
दुनिया घेराइल कम्प्यूटर इन्टरनेट में।

आ सगरो बिकास भाई- चारा के हरास भइल
प्रेम सदभाव गइल परसो के डेट में।
दुनिया घेराइल कम्प्यूटर इन्टरनेट में॥

काम क्रोध बढ़ गइल, दया छेमा घट गइल
भाई मारे लात अपने भयवे के पेट में।
दुनिया घेराइल कम्प्यूटर इन्टरनेट में॥
दुर्गा सीता लछमी सुरसती के पुजे लोग,
केतने दुर्गा लछमी देके दहेजवे के भेंट में।
दुनिया घेराइल कम्प्यूटर इन्टरनेट में॥

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नवका जमाना / आदित्य दूबे – भोजपुरी मंथन