सवालन में लोकतंत्र – गंगाशरण शर्मा
गणित में बा आंकड़न के महत्व
लोकोतंत्र में बा आंकड़न के सम्मान
बाकिर जब खेले लागनस आंकड़ा
धर्म जाति संप्रदाय के गोटी
मिटे लागेला सामूहिक -निरपेक्षता -एकता
पिटे लागेला सद्भावना-मारयादा -सहिष्णुता
तब दरके लागेला विश्वास जनता के बेवस्था में!
———————-
जब बन जाला -गुनाह
अवाज विरोध -प्रतिरोध के
भीड़तंत्र बन जाला -शकल
बाजीगर से लोकतंत्र के
अदनी दउर लागेला चापलूसी भरा
तब कइसे मुकम्मल होई रिश्ता
पाठक आ रचनाकार के!
———————-
का समय बदल गइल बा
लोकतंत्र में चुनत चुनत
आपना खातिर ‘भला आदमी’
हमनीं के चुने के पड़त बा आज
सुविधाजनक दबंग आदमी
चाहे वंशज गिरगिट के सही
भले ही हो ऊ दागी भा भ्रष्टाचारी!