सवालन में लोकतंत्र – गंगाशरण शर्मा

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सवालन में लोकतंत्र – गंगाशरण शर्मा

गणित में बा आंकड़न के महत्व

लोकोतंत्र में बा आंकड़न के सम्मान 

बाकिर जब खेले लागनस आंकड़ा

धर्म जाति संप्रदाय के गोटी

मिटे लागेला सामूहिक -निरपेक्षता -एकता

पिटे लागेला सद्भावना-मारयादा -सहिष्णुता 

तब दरके लागेला विश्वास जनता के बेवस्था में!

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जब बन जाला -गुनाह

अवाज विरोध -प्रतिरोध के 

भीड़तंत्र बन जाला -शकल

बाजीगर से लोकतंत्र के 

अदनी दउर लागेला चापलूसी भरा

तब कइसे मुकम्मल होई रिश्ता

पाठक आ रचनाकार के!

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का समय बदल गइल बा

लोकतंत्र में चुनत चुनत 

आपना खातिर ‘भला आदमी’

हमनीं के चुने के पड़त बा आज

सुविधाजनक दबंग आदमी 

चाहे वंशज गिरगिट के सही

भले ही हो ऊ दागी भा भ्रष्टाचारी! 

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सवालन में लोकतंत्र – गंगाशरण शर्मा – भोजपुरी मंथन