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हवा/ डॉ॰ गोरख प्रसाद ‘मस्ताना’

हवा/ डॉ॰ गोरख प्रसाद ‘मस्ताना’

ByadminOct 4, 20241 min read

हवा बताव तू केकरा अँगना से होके अइलू ह ऽसोन सुगंध भरल गगरी कवना पनघट से लइलू हऽ नहा, नहा के चंदन से, नन्दन वन में मुस्कइलू ऽबालक, बूढ़ जवान, तू सबकर हियरा के हरसइलूकवने अमराई से रस ले ले…

हवा में गजब के सरूर बाटे / जगन्नाथ

हवा में गजब के सरूर बाटे / जगन्नाथ

Byजगन्नाथSep 21, 20241 min read

हवा में गजब के सरूर बाटे,बात कुछ खास त जरूर बाटे। लोर सब गिर रहल बाटे भुँइयाँ,उनका रोवे के ना सहूर बाटे। हमरा पासे दरद के थाती…

हरि नाम सजीवन साँचा – संत ताले राम

हरि नाम सजीवन साँचा – संत ताले राम

Byताले रामSep 27, 20241 min read

हरि नाम सजीवन साँचा, खोजो गहि कै ।। टेक।। रात के बिसरल चकवा रे चकवा, प्रात मिलन वाके होइजो जन बिसरे राम भजन में, दिवस मिलनवा के…

हरसिंगार / बैद्यनाथ पाण्डेय ‘कोमल’

हरसिंगार / बैद्यनाथ पाण्डेय ‘कोमल’

हरसिंगार के सिंगार में जगल बहार बा।डार-डार पात-पात में जगल दुलार बा।देख के सिंगार सबबिहँस रहल अकाश बा।हाव-भाव देख केजिया भरल हुलास बा।सिहर-सिहर सिहा रहल चिहा रहल…

हमार चमक बनल रहेला / प्रमोद कुमार तिवारी

हमार चमक बनल रहेला / प्रमोद कुमार तिवारी

ई दुनिया भरसांय हहम बरतन हईंमाई लेवकन हियहर बार उहे जरे लेहमार चमक बनल रहेला प्रमोद कुमार तिवारी

हमहूं लूटीं तेहू लूट/ जगदीश खेतान जी

हमहूं लूटीं तेहू लूट/ जगदीश खेतान जी

ByadminSep 25, 20241 min read

हमहूं लूटीं तेहू लूट।दूनो पहिने मंहग सूट। उपर वाले के भी खियाव।अपने पीअ आ उनके पियाव।अईसे जो कईले जईब तरिश्ता हरदम रही अटूट।हमहूं लूटीं तेहू लूट। अंगरेजन…

हमहूँ कहीं तूहूँ कह s / गुलरेज़ शहज़ाद

हमहूँ कहीं तूहूँ कह s / गुलरेज़ शहज़ाद

हमहूँ कहीं तूहूँ कह sहमहूँ बहीं तूहूँ बह s दुखवा सबके एके बाटेहमहूँ सहीं तूहूँ सह s सबके सपना बाँचल रहेहमहूँ रहीं तूहूँ रह s भइयारी के…

हमहुँ सम्मानित होखब – मिर्जा खोंच

हमहुँ सम्मानित होखब – मिर्जा खोंच

ByadminSep 27, 20241 min read

कविता में हम छींकब सगरो कविता में हम खोंखबलाग रहल बा तब जाके हमहूँ सम्मानित होखब। हम का जानी साहित्य ह का, का होखेला ई भाषाबाकिर जे…

हमहुँ गाँवे रहतीं/ गणपति सिंह

हमहुँ गाँवे रहतीं/ गणपति सिंह

ByadminSep 24, 20241 min read

हमहुँ माटी के दीआ बनइती।दिअरी के दीआ जरवतीं।। खेत पटवती ,अलुई बोअतीकाश हमहुँ गाँवे रहतीं।। धुरा धकर फाँकत सहर मेंखाक में मिलल सपना बतवती।। सुनहला इयाद के अनुभवगाँवे सभे…

हमर आन, मान आ शान मधेश/ डॉ गोपाल ठाकुर

हमर आन, मान आ शान मधेश/ डॉ गोपाल ठाकुर

ByadminSep 30, 20241 min read

मधेश हमर आन बा मधेश हमर मान रेशान एकर उँचा रहे हमर इहे अरमान रे कोशी, गंडकी, कर्णाली, मेची से महाकालीचुरिआ से तराई ले रूप एकर निरालीथारू…

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