Image Slide 1
Image Slide 1

previous arrowprevious arrow
next arrownext arrow

माई तुहीं हउ बल मोर / कन्हैया लाल पण्डित

माई तुहीं हउ बल मोरतन-मन तुहीं मातु पितु तुहींचरण रज फल मोरमाई तुहीं हउ बल मोरतपबल तुहीं तेज बल तुहींकोटिक सूरज अंजोरमाई तुहीं हउ बल मोरविद्या बल तुहीं बुद्धि बल तुहींमंतर मोर भर-भर अँखियन लोरमाई तुहीं हउ बल मोरकर्म बल…

चइता/ डॉ॰ वसंत कुमार

adminOct 4, 20241 min read

फागुन के बचपन उतरि गइल हो चइता भइली जवानमनवाँ में उतरल रतौंधी हो अँखियन में गुमान !कोंची के झुमका सुहावन हो भौंरन के पाजेबफुलवन के गजरा सुनहरा हो मोजर के करेज टहटह अँजोरिया के देहिया हो उमिरा के उतानचम चम…

पतझड़ के महीनवाँ आईल सखी रेखिलल चमेलिया मुरझाइल सखी रे/ गोपाल ‘अश्क’

adminOct 1, 20241 min read

बड़ा जतन करि खोंतवा बनवनीं,उ खोंतवा में नेहिया बसवनी !बाट जोहत अँखिया पथराइल सखी रे,खिलल…… केतना नजरिया से बाँचल जवानी,टप-टप चुये जइसे चुये ओरियानी !रतिया के अँखिया लोराइल सखी रे !खिलल….. कइसे समुझाईं कइसें लीहीं थाती,बीत गइल रोअते चार दियरी-बाती…

अधिगत जागल हो सजनी / गुलाल साहब

गुलाल साहबSep 20, 20241 min read

अधिगत जागल हो सजनी।खोजत-खोजत सतगुरु पावल, ताहि चरनवाँ चितवा लागल हो सजनी।।साँझि समय उठि दीपक बारल, करमवा मनुबाँ पागल हो सजनी।।चललि उबटि बाट, छुटलि दकल घाट, गरजि गगनवा अनहद बाजल हो सजनी।।गइली अनँदपुर भइली अगम सूर, जितली मैदनवाँ नेजवा गाड़ल…

कुकुरन के बारात/ विद्या शंकर विद्यार्थी

adminSep 27, 20241 min read

कुकुरन के बारात लेअइलऽसमधी तूँ सधुअइलऽजूता पर नजर इहनिन केघाउंज तूँ करवइलऽ।कमे कुकुर बाड़न सन ईजवन टांग ना टारसनजगहा के बात कहाँ बाटेजेने मन जल ढारसन।आन के पतल बरी प टूटनसआपन जमा करसनबुनिया छोड़ के पेटपचवन केनून दही पर परसन।कवनो…

कविता

  • सानेट: अहिंसा / मोती बी.ए.

    अहिंसक बाघ जो होखे बड़ाई सब करी ओकरअहिंसा के महातन के सुनी बकरी के मुँहें सेपुजाली देस में दुर्गा सवारी बाघ ह जेकरनहालें व्यालमाली नित्य गंगाजल से दूबी सेसमूचा देस होके एक बोले एक सुर से जोखड़ा हो तानि के…

आदमी से आदमी अझुराइल…

आदमी से आदमी अझुराइल…

आदमी से आदमी अझुराइल बा।सभे एक दोसरा से डेराइल बा।मिल्लत…

dummy-img

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के पिहिके पपिहरा से बैरनिया भइली नामोरा…

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के…

आधी-आधी रात रतिया के पिहिके पपिहरा से बैरनिया भइली नामोरा…

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

आपन हमदर्द/ दीपक तिवारी

माई जइसन,प्यार करे,ना करि केहू,आपन हमदर्द,चाहें केतनो, होई सेहूँ। माई…

गीत

  • सानेट: अहिंसा / मोती बी.ए.

    अहिंसक बाघ जो होखे बड़ाई सब करी ओकरअहिंसा के महातन के सुनी बकरी के मुँहें सेपुजाली देस में दुर्गा सवारी बाघ ह जेकरनहालें व्यालमाली नित्य गंगाजल से दूबी सेसमूचा देस होके एक बोले एक सुर से जोखड़ा हो तानि के…

आदमी के हाथ में जब नाथ…

आदमी के हाथ में जब नाथ…

आदमी के हाथ में जब नाथ बाटेतब कवन…

dummy-img

ऋतु गीत

कुहुकि-कुहुकि कुहकावे कोइलिया,कुहुकि-कुहुकि कुहुकावे।। पतझड़ आइल, उजड़ल बगिया,मधु…

का कहीं

का कहीं

तार तार लूँगा बा, झूला बा, का कहीं ?देहिं…

Recent

सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

सावन सुहागन/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

adminOct 4, 20241 min read

सावन सुहागननिरखे अंचरवा,चल भइली विरहिन – भेष ?मास भदउआना लागे भयावनविरहिन उठे ना कलेश.धानी रे चदरियारंग दुपहरियाधरी ले ली जोगिनी के भेष.सुपुली के सोनवाभइले सपनवाचल पिया बसे परदेस.हरी-हरी चुड़ियाहरी रे चुनरियामिली नाहीं अब एही देश.

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

जुग पुरुष कहावऽ / वेद प्रकाश व्दिवेदी

adminOct 4, 20241 min read

हो भाई सुनऽ, अपने मत धुनऽ;दोसरो के बतिया के मनवा में गुनऽ । सही बात सोचऽ, मुँहवा मत नोचऽ;बात मत बनावऽ, काम करऽ आवऽ । काम बहुत ढेर बा, हो गइल देर बा;हठ मत ठानऽ, बात असल जानऽ 1 बाबू…