राजा कुंअर सिंह / भुवनेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव ‘भानु’

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राजा कुंअर सिंह / भुवनेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव ‘भानु’

रन से बन ले अमर गगन में गूंजत रहल कहानी बा।
एह सुराज के ताज पहिलका कुंअर सिंह बलिदानी बा।।
जेकर बलि बिरथा ना, भारत माई फेर महरानी बा।
रंग तिरंगा बीच केसरिया लहरत अमर निसानी बा।।

लहू लेप ले लाल सुरुज ई, ढाल जेकर मरदानी बा।
जेकरा जस के हँस-हँस हरदम, चान लुटावत चानी बा।।
खड़ा हिमालय छाती तनले, आन जेकर अभिमानी बा।
घहरत रोज समुन्दर अन्दर, जेकर जोस तूफानी बा।।

धरती में बा खून-पसेना, चाल पवन मस्तानी बा।
तेगा कड़क रहल बदरी में, बिजली खड़ग पुरानी बा।।
जेकरा भुज के बल से अबले, गंगा बीच रवानी बा।
महमाया के रथ लपलप ई, तरकस तीर कहानी बा।।

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राजा कुंअर सिंह / भुवनेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव ‘भानु’ - भोजपुरी मंथन