नेता उपजावे के/ गणेश नाथ तिवारी ‘विनायक’
भारत में अइसन, विश्वविद्यालय बा पढ़ावे के
जातिये जजाति हो गइल बा, नेता उपजावे के।
चुनाव नियराते, व्यंग कसऽता लोग खूब
जातिये में, बाँटे खातिर लगावता लो हूब
गोड़ धऽ के कहतालो,वोट डलवावे के
जातिये जजाति हो गइल बा,नेता उपजावे के।
चुनाव के पहिले तऽ, हाथ-गोड़ जोड़ता लो
जनता के चारु ओर से गिट्टी लेखा फोड़ता लो
पाँच साल कम पड़ि जाला, वादा निभावे के
जातिये जजाति हो गइल बा,नेता उपजावे के।
पहिले राग रहले, हिन्दू-मुस्लिम के आलापत
मन्दिर-मस्जिद बनी,अब सभकर सलामत
अब इंतजार होता, कोर्ट के फैसला आवे के
जातिये जजाति हो गइल बा,नेता उपजावे के।
काश्मीरी पण्डितन पर,केहु मुह नाही खोलल
रोहिंगयन खातिर बाटे,सगरीन के मुह डोलल
एससी एसटी एक्ट से काम भइल, माहौल गरमावे के
जातिये जजाति हो गइल बा, नेता उपजावे के।
सत्ता के सुख खातिर, बाटे लो खखाइल
जीतला के बाद जाने,कहा बा लो पराइल
बेकल बा लो लाउंड्री में,चड्ढी धोवावे के
जातिये जजाति हो गइल बा, नेता उपजावे के।
जवने आइल सत्ता में,तवन लूट के खइलस
सात पुहुत खातिर,इंतजाम उहो कइलस
जनता खातिर, योजना खाली टीबी पर देखावे के
जातिये जजाति हो गइल बा, नेता उपजावे के।
हिन्दू के बंटा गइले, सवर्ण दलित दुनु में
मुस्लिम बंटा गइले, सिया अउरी सुन्नी में
अगिला चुनाव रही,इसाई जैन लड़ावे के
जातिये जजाति हो गइल बा,नेता उपजावे के।
सोसल मीडिया पर,खाली हवा उड़sता फरजी
केहु मानेला सांच,केहु करेला ख़ाली अरजी
सरकार के काम बा, खाली ध्यान भटकावे के
जातिये जजाति हो गइल बा, नेता उपजावे के।
पढ़ल लिखल लोग, सगरो भइल बेरोजगार
अनपढ़ चलावे सगरो, बाबा वाला कारोबार
कहेले गणेश चलs, उनइस में अजमावे के
जातिये जजाति हो गइल बा ,नेता उपजावे के।
भारत में अइसन, विश्वविद्यालय बा पढ़ावे के
जातिये जजाति हो गइल बा, नेता उपजावे के।