आमवा से अमरित टपके/ ओमप्रकाश अमृतांशु
आमवा से अमरित टपके ,
चह-चह चहके चिरइयाँ.
महुआ सुगंध में मातल,
कुकू -कुकू कुकेले कोइलिया .
कि आरे काऊँ- काऊँ करेला रे कागावा
छप्परवा पे बिरहा गवाइल.
आमवा से अमरित टपके ,
चह-चह चहके चिरइयाँ.
महुआ सुगंध में मातल,
कुकू -कुकू कुकेले कोइलिया .
कि आरे काऊँ- काऊँ करेला रे कागावा
छप्परवा पे बिरहा गवाइल.