अंडा बेचे वाली मनोरमा पहिले अंडा ना बेचत रही. उ एगो घरेलू महिला रही, जे अपना मरद भूलन…
चइती फसिल गदराइल, फगुनवाँ गउवाँ में आइल,धरती पियरकी रंगाइल, फगुनवाँ गउवाँ में आइल। पेड़वा पुरनकी पतइया गिरावैनई-नई कलंगी…
रुनुक-झुनुक बाजै पायल तोर पँउआ, बड़ा नीक लागै –ननद तोर गँउआ, बड़ा नीक लागै देवरा निहारै पीपर झरै…
ई सन 1971 के बात हऽ। पाकिस्तान आ भारत मे लड़ाई शुरु हो गईल रहे। पूरा देश मे…
इ सन् 1960 के बात ह। तब हम बनारस पढत रहलीं। वो दिन हम अपने कमरा मे पढले…
अंजुरी में पानी के धइलेसोचs तानींए पानी! काहे तोहर नेह के छुवनदुःख के दाहड़ खानी मन मेंगोंगियाइल बउराइल…
“बदरी के बदरा पिठियवलस”श्याम रंग में मौसम गावेआसमान के खोंखी उखड़ललागल बरसे झमझम बूनीलागे जइसे छमछम करतगोरिया अइलीजंगला…
राह-घाट लउके ना, छपलसि अन्हरिया,झिमिर-झिमिर बरसेले करिया बदरिया। खेतवा में मकई के गाड़ल मचानीसूतेला जाके बलमु अभिमानीनिनिया उड़ावेले…
मिलल की जइसे भूलल थातीलिखल तहार मिलल जब पाती। रोजे रात निहारत रहनीहीते-नाते सबसे कहनीबहल लोर मोर साँझ-पराती।…
भारत में अइसन, विश्वविद्यालय बा पढ़ावे केजातिये जजाति हो गइल बा, नेता उपजावे के। चुनाव नियराते, व्यंग कसऽता…