हे हरि ! देदीं जहर पी के मर जाईं हमपी के मनसा इ पूरा कर जाई हमहे हरि….…
सईंया सूतल होइहे जा के बथानी परमकई में मचानी पर ना…. कइले होइहे सानी-पानी, कोड़ले होइहे कोन-कानसांझे चौराहा…
पकवा इनार प के खेतहमरा परिवार के शान रहे ।बाबा कहत रहन हमरा सेलड़िकाईं मेंजानत बाड़ऽ बबुआसिपाही के…
बहुत दिन के बाद अइला पकतना बुझल बूझल लागत बाकहिए से बंदहमार गांव वाला घर ! लागऽता जइसेकवनो…
भातका भात, भात दूनी दालभात तियाँ तरकारी, भात चऊको चोखा भात पचे पापड़, भात छके छनउरीभात सते सतुआ,…
जाड़ एकम् जाड़ काँपेला हाड़जाड़ दुनी रजाई के हमके ओढ़ाई जाड़ तियाई कमरा हइए नइखे हमराजाड़ चउको चदरा…
पानी में मीन पियासी,मोहि सुन-सुन आवत हाँसी आतम ज्ञान बिना नर भटके,कोई मथुरा कोई काशी।जैसे मृगा नाभि कस्तूरी,बन-बन…
पाँच तत्त्व की बनी चुनरिया,सोरह से बन्द लागे जिया ।। 1।। यह चुनरी मैके से आई,ससुरे में मनुवा…
हे बरखा तूं फार के छप्पर ढेर लगा द मोती के ! नया हुकुमत रहल ना सुझबुझ,लड़िका बिलखल…
बोली कुचकुचवा बिहाने बेरिआ । कतना बारात एकर रउरा ना बूझ वानिसि निसि रतिआ के तनिको ना सूझ…