पकवा इनार/ नीरज सिंह
पकवा इनार/ नीरज सिंह

पकवा इनार प के खेतहमरा परिवार के शान रहे ।बाबा कहत रहन हमरा सेलड़िकाईं मेंजानत बाड़ऽ बबुआसिपाही के…

ByadminOct 7, 20241 min read
माफीनामा/ नीरज सिंह
माफीनामा/ नीरज सिंह

बहुत दिन के बाद अइला पकतना बुझल बूझल लागत बाकहिए से बंदहमार गांव वाला घर ! लागऽता जइसेकवनो…

ByadminOct 7, 20242 min read
डिस्को पहाड़ा/ पं॰ कुबेरनाथ मिश्र ‘विचित्र’
डिस्को पहाड़ा/ पं॰ कुबेरनाथ मिश्र ‘विचित्र’

भातका भात, भात दूनी दालभात तियाँ तरकारी, भात चऊको चोखा भात पचे पापड़, भात छके छनउरीभात सते सतुआ,…

ByadminOct 4, 20241 min read
जाड़ा के पहाड़ा/ पं॰ कुबेरनाथ मिश्र…
जाड़ा के पहाड़ा/ पं॰ कुबेरनाथ मिश्र…

जाड़ एकम् जाड़ काँपेला हाड़जाड़ दुनी रजाई के हमके ओढ़ाई जाड़ तियाई कमरा हइए नइखे हमराजाड़ चउको चदरा…

ByadminOct 4, 20241 min read
पानी में मीन पियासी/ डॉ॰ (प्रो)…
पानी में मीन पियासी/ डॉ॰ (प्रो)…

पानी में मीन पियासी,मोहि सुन-सुन आवत हाँसी आतम ज्ञान बिना नर भटके,कोई मथुरा कोई काशी।जैसे मृगा नाभि कस्तूरी,बन-बन…

ByadminOct 4, 20241 min read
मोरी चुनरी में परि गयो दाग…
मोरी चुनरी में परि गयो दाग…

पाँच तत्त्व की बनी चुनरिया,सोरह से बन्द लागे जिया ।। 1।। यह चुनरी मैके से आई,ससुरे में मनुवा…

ByadminOct 4, 20241 min read
हें बरखा/ रामाज्ञा प्रसाद सिंह ‘विकल’
हें बरखा/ रामाज्ञा प्रसाद सिंह ‘विकल’

हे बरखा तूं फार के छप्पर ढेर लगा द मोती के ! नया हुकुमत रहल ना सुझबुझ,लड़िका बिलखल…

ByadminOct 4, 20241 min read
बिहाने बेरिआ/ रामाज्ञा प्रसाद सिंह ‘विकल’
बिहाने बेरिआ/ रामाज्ञा प्रसाद सिंह ‘विकल’

बोली कुचकुचवा बिहाने बेरिआ । कतना बारात एकर रउरा ना बूझ वानिसि निसि रतिआ के तनिको ना सूझ…

ByadminOct 4, 20241 min read
ननदी रमल जाता…./ शम्भुनाथ उपाध्याय
ननदी रमल जाता…./ शम्भुनाथ उपाध्याय

सहमे महावरि निरेखि तोरे पउँ वाँननदी रमल जाता मनवा ए गउँवाँ । सोचत रहली ससुरा में रहिए ना…

ByadminOct 4, 20241 min read
आइल बिया पतिया/ शम्भुनाथ उपाध्याय
आइल बिया पतिया/ शम्भुनाथ उपाध्याय

आइल बिया पतिया केहू पढ़े वाला नइखेमनवा दोचित बाटे । ना जाने बा कइसन समाचार- मनवा दोचित बाटे…

ByadminOct 4, 20241 min read
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