गीत कवित हम का जानीं भइयापानी बिनु बे पानीजल, जंगल, जमीन से बेदखलखोजत बानीं पानीकहँवा गइल नदी सरोवर…
काने में ढोल बजाई केसभकर नाव बताई के॥ तस से भाईचारा क लींत हमके गरिआई के॥ नेतवे जब…
बहा देलू सोना, बचावे लू पानी।कवन भोर सपना देखावेलू रानी।। गदहा क पीठ पर बानर सवार बाका देखी…
बाबूजी बइठावे हमके कान्हे पतितली उड़ावे जाईं बान्हें पनून तेल रोटी बड़ा भावेला।बचपनवा इयाद बड़ा आवेला॥ पढी लिखीं…
सादर परनाम ए बिग्यान के चमतकारदुनिया घेराइल कम्प्यूटर इन्टरनेट में। आ सगरो बिकास भाई- चारा के हरास भइलप्रेम…
चढ़े कपारे अगर गरीबीदुख पहुँचावे पहिले बीबी। पटिदारन के खूब टिभोलीऊपर से मेहरी के बोली। राशन-पानी के परसानीयाद…
जन्म लेते पूत के उछाह से भरेला हिय, गज भर होइ जाला फूलि के ई छतिया। पाल-पोस के…
अब घर के चबेनी के फाँकी? के जाई गोबर ठोके? केकर घर से आगी आई? के माई के…
अहो खेतवो अभी खाली बा देशवो अभी खाली बा कबले खाली रही मनवा हमार। मन में कईगो परानी…
आवा लइको तोहे देखाई बेईमानी बे-ईमान क, नेता जी से सुसूक रहल जनता हिन्दुस्तान क॥ बड़-२ नेता बा…