जिनगी के ह रंग सयाना ई का भइल दादा हो, अपने गोड़ गड़ासी पाजऽ घाव उभर गइल जादा…
बदरा घुरि-घुरि आवे अँगनवाँ मेंनींद नाहि आवे भवनवाँ में।। मनके महल में सूधिया के पहराप्रीत के हिड़ोले बिरहल…
चारो तरफ घनघोर अँधेरा, कुछ त दीप जरवले जारात के बाद सुबह भी होखी, ई एहसास करवले जा.…
बहुत भइल बेपर कs केशव, कहs गाँव कs घर कs केशव! ईंटा कs जंगल में हम तs शहर जी रहल…
सपना कs पुल टूट गइल बानाव कहीं ना लउके,आस – पास अन्हियार बहुत बागाँव कहीं ना लउके,चाल करे…
भोजपुरी भासा हऽ माई केदूध हऽ बकरी के गाई (गाय)केलाठी हऽ बाबू के भाई केझोरी हऽ बाबा के…
कइसन गांव-गिरांव हो गइलअजबे चलन सुभाव हो गइल। गांव शहर में बदले लागलसिमटे लागल खेतिहर धरतीजाने कहां बिलाये लागलजंगल अउरी…
पेड़ कटाईल धुंआधार, धुँआ-धक्कड़ भइल अन्हार,जड़ में जहर घोलाइल जाता, सुतल मनई अब त जाग।माधो क माटी से ममता, माटी…
माड़ो मटकोर गीत बेटी के बारात के,काथा पूजा होई दाल भात चली रात के। दुअरा पर भीरल हलुआई काम…
बाह रे जमाना इ त,हद हो गइल।मेहरारू के आगे माई,रदद् हो गइल।। छोह मउगी से प्यार,माई पावे दुत्कार।माई…