उनुका से कहि दऽ / डॉ अशोक द्विवेदी रसे-रसे महुवा फुलाइल हो रामाउनुका से कहि दऽ।रस देखि भँवरा…
हम तोहके कइसे लिखीं?कइसे लिखीं किबहुते खुश बानी इहाँ हमहोके बिलग तोहन लोग से… हर घड़ी छेदत-बीन्हत रहेलाइहवों…
कोइलरि कूहे अधिरतिया आ बैरीचइत कुहुँकावे.रहि रहि पाछिल बतिया इ बैरीचइत उसुकावे. कुरुई-भरल-रस-महुवा, निझाइलकसक-कचोटत मन मेहराइलउपरा से कतना…
धुन से सुनगुन मिलल बा भँवरन केरंग सातों खिलल तितलियन केलौट आइल चहक, चिरइयन के! फिर बगइचन के…
सुनि पवलीं हाँ अबहीं कहवाँ, अबहीं त बहुत कहे के बा।गूँजत आइल बा राग जवनमानीं, ह साँच बिहाग…
सुनि पवलीं हाँ अबहीं कहवाँ, अबहीं त बहुत कहे के बा।गूँजत आइल बा राग जवनमानीं, ह साँच बिहाग…
आई, उहो दिन आई, अन्हरिया राति पराईलीही अकासे छाई, किरिनि धरती पर धाईकठमुरकी कन-कन के छूटीसकदम साँस-साँस के…
केतना कदम के डार हम रहनी अगोर केतबहूँ तोहार बाँसुरी बाजल न भोर के कब तक घिरल अन्हार…
बन्दौ शाक्य कुमार, जाहि जन्म संवाद सुनि।उमड़ल हर्ष अपार, शुद्धोदन सम्राट उर ॥ 1 ॥ कीन्ह दान परमार्थ,…
आदमी के हाथ में जब नाथ बाटेतब कवन चिंता प्रलय के साथ बाटे।उठ रहल आवाज-’’अब त हाथ रोकगोड़…