कुहुकि-कुहुकि कुहकावे कोइलिया,कुहुकि-कुहुकि कुहुकावे।। पतझड़ आइल, उजड़ल बगिया,मधु ऋतु में टुसिआइल फुलुंगिया।इन हरियर-हरियर पलइन में,सुतल सनेहिया जगावे कोइलिया।।…
तार तार लूँगा बा, झूला बा, का कहीं ?देहिं तोपल-ढांकल त मुश्किल बा,का कहीं?? माथ पर ईंटा, कबों सिरमिट…
ठकुरसुहाती अबले भइया, हमरा गावे ना आइल ।खुद कबहूँ, हंसनी ना त, दोसरो के हँसावे ना आइल।। सोचते…
पंछी चहके डेरात, कुनमुनात र्छवरा बा,फुलवा महके डेरात, गुनगुनात भँवरा बा,कुलबुलात भोर लुका, कुहरा के पहरा बा,कुहा खुल…
दुनिया लागेला दैनिक अखबार हो गइलदिन दिन जिनिगी के दिनसमाचार हो गइल।।कान का कहिया अवसरमिली कि सुनी।एगो आदमी…
सारी सोनहुली सबेर झमका के,सँवकेरे रूप के अँजोर छिटिका के,जाये का बेर ढेर का अगुताले-किरिनियाँ कले-कले कहाँ चलि…