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ऋतु गीत

कुहुकि-कुहुकि कुहकावे कोइलिया,कुहुकि-कुहुकि कुहुकावे।। पतझड़ आइल, उजड़ल बगिया,मधु ऋतु में टुसिआइल फुलुंगिया।इन हरियर-हरियर पलइन में,सुतल सनेहिया जगावे कोइलिया।।…

ByadminSep 16, 20241 min read
का कहीं
का कहीं

तार तार लूँगा बा, झूला बा, का कहीं ?देहिं तोपल-ढांकल त मुश्किल बा,का कहीं?? माथ पर ईंटा, कबों सिरमिट…

ByadminSep 14, 20241 min read
ना आइल
ना आइल

ठकुरसुहाती अबले भइया, हमरा गावे ना आइल ।खुद कबहूँ, हंसनी ना त, दोसरो के हँसावे ना आइल।। सोचते…

ByadminSep 14, 20241 min read
नाव खुले माँझी रे
नाव खुले माँझी रे

पंछी चहके डेरात, कुनमुनात र्छवरा बा,फुलवा महके डेरात, गुनगुनात भँवरा बा,कुलबुलात भोर लुका, कुहरा के पहरा बा,कुहा खुल…

ByadminSep 11, 20241 min read
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दुनिया लागेला दैनिक अखबार हो गइल

दुनिया लागेला दैनिक अखबार हो गइलदिन दिन जिनिगी के दिनसमाचार हो गइल।।कान का कहिया अवसरमिली कि सुनी।एगो आदमी…

ByadminSep 11, 20241 min read
किरिनियाँ कहाँ चलि जाले?
किरिनियाँ कहाँ चलि जाले?

सारी सोनहुली सबेर झमका के,सँवकेरे रूप के अँजोर छिटिका के,जाये का बेर ढेर का अगुताले-किरिनियाँ कले-कले कहाँ चलि…

ByadminSep 11, 20241 min read
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