सुनि पवलीं हाँ अबहीं कहवाँ, अबहीं त बहुत कहे के बा।गूँजत आइल बा राग जवनमानीं, ह साँच बिहाग…
सुनि पवलीं हाँ अबहीं कहवाँ, अबहीं त बहुत कहे के बा।गूँजत आइल बा राग जवनमानीं, ह साँच बिहाग…
आई, उहो दिन आई, अन्हरिया राति पराईलीही अकासे छाई, किरिनि धरती पर धाईकठमुरकी कन-कन के छूटीसकदम साँस-साँस के…