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भोर / बच्चन पाठक ‘सलिल’
भोर / बच्चन पाठक ‘सलिल’

दक्खिन से आइल ई हउवा कॅुवरकीगत्तर-गत्तर गुदरा जाले ;लहर उढे झीलवा में जइसेनयकी धियवा अगरा जाले।कुंजन के लिलरा पर…

बरखा के दिन / बच्चन पाठक…
बरखा के दिन / बच्चन पाठक…

बरखा के रिमझिम फुहार, अंग-अंग सहला गइलबकुलन के उज्जर कतार, तन-मन बहला गइल।पर्वत पर रूई के मेघ,सुनेले यक्षी-संदेश ;धीरे…

बच्चन पाठक ‘सलिल’ - भोजपुरी मंथन