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आग धुधुआता कभी-ना-कभी लहकी / बच्चू…
आग धुधुआता कभी-ना-कभी लहकी / बच्चू…

आग धुधुआता कभी-ना-कभी लहकी,छार-छार दुनिया के हो जाई अँगनाबहके दीं, कबले ई बाबू लोग बहकीतखता उलटि जाई, गइहें…

ओठ पर अब कहाँ दुआ बाटे…
ओठ पर अब कहाँ दुआ बाटे…

ओठ पर अब कहाँ दुआ बाटे,शब्द के दर्द के धुआँ बाटे।डेग कहँवा धरीं, बड़ा मुश्किल,हर तरफ बस कुँआ-कुँआ…

बच्चू पाण्डेय - भोजपुरी मंथन