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दरक गइल दरपन / भगवती प्रसाद…
दरक गइल दरपन / भगवती प्रसाद…

सूख गइल सरिता उमंग के, कुम्हिला गइल सुमन,कहाँ निरेखीं आपन सूरत, दरक गइल दरपन।अँगना में तुलसी के बिरवा…

घर में देश / भगवती प्रसाद…
घर में देश / भगवती प्रसाद…

सूखि गइलआँखिन में लहलहातसपनन के समुन्दरखूने-खून हो गइल-सतलज, व्यास, रावीझेलम, चिनाब के पानीबेटिन के जवानीफटाफट बन हो गइलमए…

भगवती प्रसाद द्विवेदी - भोजपुरी मंथन