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हे मन रामनाम चित धौबे /…
हे मन रामनाम चित धौबे /…

हे मन रामनाम चित धौबे।।काहे इतउत धाइ मरत हव अवसिंक भजन राम से धौबे।गुरु परताप साधु के संगति…

Byभीखा साहबSep 22, 20241 min read
मन अनुरागल हो सखिया / भीखा…
मन अनुरागल हो सखिया / भीखा…

मन अनुरागल हो सखिया।।नाहीं संगत और सौ ठक-ठक, अलख कौन बिधि लखियाजन्म मरन अति कष्ट करम कहैं, बहुत…

Byभीखा साहबSep 22, 20241 min read
भीखा साहब - भोजपुरी मंथन