डोलि गइल पतइन के पात-पात मन,जब से छु गइल पवन पाँव के अलम नाहींबाँह बे-सहारा,प्रान एक तिनिका परटंगि…
ताड़ पर से उतरलखजूरे पर अँटकलसपना के जंगल मेंआगि कहीं दहमल। सपना…जिनिगी के पोखरा मेंरोज पड़ल जाल,बाहर से…