कतना आसान बाकेहू के हँसी आ मुसुकी केनाप लिहल।बाकिर गम के अथोर-अथाहगहराई,जवना के ओर-छोरपता ना चले ;के नाप सकेला,…
हम खोज रहल बानीकविता !भरल बा हमार पेट,आ पेन्हले बानी हमनयका कुरताबइठल बानी नयका कोठी में।बाकिर,कविता त सुखाइल,पेट-पीठ एक…