औचक डंका पड़ी मन में कर होशियारी हो।काल निरंजन बड़ा खेलल बा खेलाड़ी हो।।सुर नर मुनी देवता लो…
कहु का ना छुटी बा भजे के हरि नमवा।।धधा तोरा धावल फिरे चढ़े गरदनवामाया के बिसरेला भइल बा…