झरिलागै महलिया, गगन घहराय।खन गरजै, खन बिजरी चमकै, लहर उठै सोभा बरनि न जाय॥सुन्न महल से अमरित बरसै,…
हम सत्त नाम के बैपारी।कोइ-कोइ लादै काँसा पीतल, कोइ-कोइ लौंग सुपारी॥हम तो लाद्यो नाम धनी को, पूरन खेप…