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मन तुम कसन करहु रजपूती/ धरनीदास
मन तुम कसन करहु रजपूती/ धरनीदास

मन तुम कसन करहु रजपूती। गगन नगारा बाजु गहागहि, काहे रहो तुम सूती।पांच पचीस तीन दल ठाढ़ो, इन…

ByधरनीदासSep 26, 20241 min read
अमृत नीक कहै सब कोई/ धरनीदास
अमृत नीक कहै सब कोई/ धरनीदास

अमृत नीक कहै सब कोई, पीय बिना अमर नहिं होई। कोई कहै अमृत बसै पताल, नर्क अंत नित…

ByधरनीदासSep 26, 20241 min read
अमृत नीक कहै सब कोई /…
अमृत नीक कहै सब कोई /…

अमृत नीक कहै सब कोई, पीय बिना अमर नहिं होई।कोई कहै अमृत बसै पताल, नर्क अंत नित ग्रासै…

ByधरनीदासSep 22, 20241 min read
अजहूँ मिलो मेरे प्रान पियारे /…
अजहूँ मिलो मेरे प्रान पियारे /…

अजहूँ मिलो मेरे प्रान पियारे।दीन दयाल कृपाल कृपानिधि करहु छिमा अपराध हमारे।कल न परत अति बिकल सकल तन,…

ByधरनीदासSep 22, 20241 min read
धरनीदास - भोजपुरी मंथन