• Home
  • गोरख पाण्डेय
हे भले आदमियो ! / गोरख…
हे भले आदमियो ! / गोरख…

डबाडबा गई है तारों-भरी शरद से पहले की यह अँधेरी नम रात । उतर रही है नींद सपनों…

Byगोरख पाण्डेयSep 20, 20241 min read
कैथर कला की औरतें / गोरख…
कैथर कला की औरतें / गोरख…

तीज-व्रत रखतीं, धान-पिसान करती थींग़रीब की बीवीगाँव भर की भाभी होती थींकैथरकला की औरतें गाली-मार ख़ून पीकर सहती…

Byगोरख पाण्डेयSep 20, 20241 min read
गोरख पाण्डेय - भोजपुरी मंथन