पावल प्रेम पियरवा हो ताही रे रूप।मनुआ हमार विआहल हो ताही रे रूप।। ऊँच अटारी पिया छावल हो…
अधिगत जागल हो सजनी। खोजत-खोजत सतगुरु पावलताहि चरनवाँ चितवा लागल हो सजनी॥ साँझि समय उठि दीपक बारलकरमवा मनुबाँ…
पावल प्रेम पियरवा हो ताही रे रूप।मनुआ हमार विआहल हो ताही रे रूप।।ऊँच अटारी पिया छावल हो ताही…
अधिगत जागल हो सजनी।खोजत-खोजत सतगुरु पावल, ताहि चरनवाँ चितवा लागल हो सजनी।।साँझि समय उठि दीपक बारल, करमवा मनुबाँ…