हे स्वामीकरुना के सागर!भरल रहे हियरा में हरदमभक्ती के, बिसवास के गागर ! बदल गइल परिभासा बहुतेनेह-त्याग केगीत-राग केमतलब…
हाथ में लाठी कान्हे गमछालमहर बाटे जेकर सानजग-जहान में बाजे डंकाजान रहल बा हिन्दुस्तानहमनी हईं उहे पुरुबियाभोजपुरी आपन…