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हम त शहर में गाँव के…
हम त शहर में गाँव के…

हम त शहर में गाँव के जिनिगी बिताइलेमनमीत जहँवाँ पाइले हहुआ के जाइले भाई भरत के भाव मन…

गीत जिनिगी के गावल ह आपन…
गीत जिनिगी के गावल ह आपन…

गीत जिनिगी के गावल ह आपन धरमचोट खा-खा हँसावल ह आपन धरम साध जिनिगी के सध ना सकल…

जयकांत सिंह ‘जय’ - भोजपुरी मंथन