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माटी के अँजोर / जितराम पाठक
माटी के अँजोर / जितराम पाठक

सूप भरि रूप केसनूख भरि सोहुआ मेंसानल सनेहिया सलोरआन अवरू अपना केनेह-नाता गरगटलहना के बाटुरे बटोर।सोनवा के जाल…

Byजितराम पाठकApr 3, 20251 min read
अकाल – जितराम पाठक
अकाल – जितराम पाठक

खेत के मुआर छिलातिया जइसे छुरा सेकपार के बार छिलाला,पइनि-अहरा-नहरनेता लोग के बात लेखाखाली बाअकाल के उदन्त भँइसाचरि…

Byजितराम पाठकSep 26, 20241 min read
पटरी ना खाई – जितराम पाठक
पटरी ना खाई – जितराम पाठक

अरुआइल बा बात तहार, हटाव फरका,ले अइब एने अब त पटरी ना खाई। चूरी-टिकुली के हम सुनलीं गीत…

Byजितराम पाठकSep 26, 20241 min read
जितराम पाठक - भोजपुरी मंथन