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फागुन फाग बुलाई दिहले, अंग-अंग फुलाई…
फागुन फाग बुलाई दिहले, अंग-अंग फुलाई…

फागुन फाग बुलाई दिहले, अंग-अंग फुलाई दिहले हे।मइया ओढ़ि के वासंती चुनरिया, नगरिया हरसाई गइले हे।।चइत चनरमा चिढ़ाई…

Byमास्टर अजीजApr 4, 20251 min read
केहू-केहू का होखे राम नाम के…
केहू-केहू का होखे राम नाम के…

केहू-केहू का होखे राम नाम के चरचाकहीं-कहीं चढ़ल बाटे घरे-घरे घरे-चरचा, केहू-केहू का, जोड़ाता रात-दिन के खरचा।घोंसरिये में…

Byमास्टर अजीजApr 4, 20251 min read
मास्टर अजीज - भोजपुरी मंथन