बाँट-बखरा में सुख-दुख बँटा गइल बा,अपना माटी के खूशबू लुटा गइल बा घुप अन्हरिया के जादू चढ़ल माथ…
आँख अब रउरा लगा के का करब ?आन का घर जो हमेसे बा परब !धुंध से भर जाय जो आपन…