मितऊ देहला ना जगाया; नींदिया बैरिन भैली।।की तो जागै रोगी, की चाकर, की चोरकी तो जागै संत बिरहिया,…
प्रेम बान जोगी मारल हो कसकै हिया मोर।।जोगिया कै लालि-लालि अँखियाँ हो, जस कॅवल कै फूलहमरी सुरुख चुनरिया…