दुखियन के तन-मन-प्रान चलल।जब तीस जनवरी जाति रहलि, सुक के संझा मुसुकाति रहलि।दिल्ली में भंगी बस्ती के, धरती…
लुटा दिहल परान जे, मिटा दिहल निसान जे।चढ़ा के सीस देस के, बना दिहल महान जे।।जने-जने जगा गइल,…