याद झरत अँजुरी में,गंध भरल अँगुरी में,पोर-पोर सपना कोंचिआइलटहनी के टूसवा टुसिआइल।नदिया के घाटी में लहरा बाताल देत…
मन केतना कलुस।तनल रहल डोरी बाकाँपत बा धनुस।मन केतना कलुस।सपना सब टूट गइलआपन सब छूट गइलभेटत बा कतहूँ…