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फूंकके चलsडगरिया – मृत्युंजय अश्रुज

फूंकके चलsडगरिया – मृत्युंजय अश्रुज

ByadminSep 27, 20241 min read

बबुनी चलs तूं मत बलखाकेगिरीहें चांद सूरज मुरछाकेकरs जवानन पर रहममत लs बुढवन के धरमई खिलत जोबना देखलाकेबबुनी चलs……. सुन्दरता के तूं दरिया बाडूयौवन से लहकत सरिया बाडूई उमर बडा नाजुक होलासंभल संभल के चले होलाशिकारी बैठल घात लगाकेबबुनी चलs………

फुलवा महँकि भरमावेले/ डॉ॰ राम सेवक ‘विकल’

फुलवा महँकि भरमावेले/ डॉ॰ राम सेवक ‘विकल’

ByadminOct 1, 20241 min read

के हरि हउवें फुल बगिया के माली होके हरि फूल बिहँसावेलें हो ? के हरि तितली के भेजि भेजि कलियन पररसगर नेहिया लगावेलें हो ? के हरि…

फागुन फाग बुलाई दिहले, अंग-अंग फुलाई दिहले हे /…

फागुन फाग बुलाई दिहले, अंग-अंग फुलाई दिहले हे /…

Byमास्टर अजीजApr 4, 20251 min read

फागुन फाग बुलाई दिहले, अंग-अंग फुलाई दिहले हे।मइया ओढ़ि के वासंती चुनरिया, नगरिया हरसाई गइले हे।।चइत चनरमा चिढ़ाई गइले, पिया बिन तरसाई गइले हे।मइया वासी जे भात…

फगुनवाँ गउवाँ में आइल – जगदीश पंथी

फगुनवाँ गउवाँ में आइल – जगदीश पंथी

ByadminSep 26, 20241 min read

चइती फसिल गदराइल, फगुनवाँ गउवाँ में आइल,धरती पियरकी रंगाइल, फगुनवाँ गउवाँ में आइल। पेड़वा पुरनकी पतइया गिरावैनई-नई कलंगी से देहिया सजावैपछुआ बयरिया रसाइल, फगुनवाँ गउवाँ में आइल।…

प्रयास / केशव मोहन पाण्डेय

प्रयास / केशव मोहन पाण्डेय

जिनगी जहर ना हऽहहरावेलेघहरावेलेतबोकहर ना हऽ।जिनगीराग हऽरंग हऽएह केअजब-गजब ढंग हऽई कई बेर बुझालेकि बिना बिआहे के बाजा हऽछन में फकीर हऽ ईछन मेंचक्रवर्ती राजा हऽ।ई तऽ…

प्रदूषण क मार /डॉ राधेश्याम केसरी

प्रदूषण क मार /डॉ राधेश्याम केसरी

ByadminSep 26, 20242 min read

पेड़ कटाईल धुंआधार, धुँआ-धक्कड़ भइल अन्हार,जड़ में जहर घोलाइल जाता, सुतल मनई अब त जाग।माधो क माटी से ममता, माटी क उपजाऊ छमता,रसायन से ख़तम हो गइल, ख़त्म हो गइल…

प्रकाश चाहीं? प्रकाश बा कहाँ? – रवीन्द्रनाथ टैगोर

प्रकाश चाहीं? प्रकाश बा कहाँ? – रवीन्द्रनाथ टैगोर

ByadminSep 27, 20241 min read

प्रकाश चाही?प्रकाश बा कहाँ?दीया लेसे के होखेत विरहानल से लेस लऽबुताइल दीया राख के का होई?इहे लिखल रलऽ भाग में?एह से त मरन अच्छा!!आरे, जरा ल विरहानलविरह…

प्यारी (विलाप) / भिखारी ठाकुर

प्यारी (विलाप) / भिखारी ठाकुर

Byभिखारी ठाकुरSep 22, 20241 min read

हाय हाय राजा कैसे कटिये सारी रतियाजबले ग‍इले राजा सुधियो ना लिहले, लिखिया ना भेजे पतिया ।। हाय हाय….हाय दिनवां बितेला सैयां बटिया जोहत तोर, तारा गिनत…

पोर-पोर घाव हो गइल/ रामेश्वर प्रसाद सिन्हा ‘पीयूष’

पोर-पोर घाव हो गइल/ रामेश्वर प्रसाद सिन्हा ‘पीयूष’

ByadminOct 4, 20241 min read

पोर पोर घाव हो गइल ।दर्द के पड़ाव हो गइल । माथा पर बइठल बा अनघा ले दनघर-घर में बाटे अब मौत के चलनजिन्दगी छलाव हो गइल…

पुरवा सजोर……/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

पुरवा सजोर……/ ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा

ByadminOct 4, 20241 min read

बहे लागे पुरवा सजोर,उड़े लागे अंचरवा के कोर. अमवा के गछिया लागे करूआइनपिपरा का पतिया से का बतिआई डोले लागेला डेहुँगी झकझोर,उड़े लागे अंचरवा के कोर. पासे…

कविता/ गीत / गज़ल - भोजपुरी मंथन - Page 13