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पानी में मीन पियासी/ डॉ॰ (प्रो) अरुण मोहन ‘भारवि’

पानी में मीन पियासी/ डॉ॰ (प्रो) अरुण मोहन ‘भारवि’

ByadminOct 4, 20241 min read

पानी में मीन पियासी,मोहि सुन-सुन आवत हाँसी आतम ज्ञान बिना नर भटके,कोई मथुरा कोई काशी।जैसे मृगा नाभि कस्तूरी,बन-बन फिरत उदासी ।। 1।। जल बिच कमल, कमल बिच कलियाँतापर भँवर निवासी।सो मन बस त्रैलोक भयो है,यती सती संन्यासी । । 2।।…

पाती / गुरुविन्दर सिंह

पाती / गुरुविन्दर सिंह

ByadminSep 26, 20241 min read

मिलल की जइसे भूलल थातीलिखल तहार मिलल जब पाती। रोजे रात निहारत रहनीहीते-नाते सबसे कहनीबहल लोर मोर साँझ-पराती। मन में, बहुते बिसवास रहलहियरा लुतियन के वास रहलबरली…

पहचान / जलज कुमार अनुपम

पहचान / जलज कुमार अनुपम

हाथ में लाठी कान्हे गमछालमहर बाटे जेकर सानजग-जहान में बाजे डंकाजान रहल बा हिन्दुस्तानहमनी हईं उहे पुरुबियाभोजपुरी आपन पहचानगोरखनाथ, कबीर, कुवर सिंहराजेन्दर, जेपी के गानआन पर आवे…

पद / गोरखनाथ

पद / गोरखनाथ

ByगोरखनाथSep 20, 20242 min read

रहता हमारै गुरु बोलेये, हम रहता का चेला ।मन मानै तौ संगि फिरै, निंहतर फिरै अकेला ।।अवधू ऐसा ग्यांन बिचारी तामैं झिलिमिलि जोति उजाली ।जहाँ जोग तहाँ…

पथल के भगवान/ सुरेन्द्र प्रसाद गिरि

पथल के भगवान/ सुरेन्द्र प्रसाद गिरि

ByadminOct 1, 20241 min read

पथल के हो भगवान !हो तोरे जगवा में दहकल बा आग —— ।। टेक ॥।घुट-घुट जीअत इंसानहो तोरे जगवा में दहकल बा आग –दानी हरिचनदर के सड़क…

पतझड़ के महीनवाँ आईल सखी रेखिलल चमेलिया मुरझाइल सखी…

पतझड़ के महीनवाँ आईल सखी रेखिलल चमेलिया मुरझाइल सखी…

ByadminOct 1, 20241 min read

बड़ा जतन करि खोंतवा बनवनीं,उ खोंतवा में नेहिया बसवनी !बाट जोहत अँखिया पथराइल सखी रे,खिलल…… केतना नजरिया से बाँचल जवानी,टप-टप चुये जइसे चुये ओरियानी !रतिया के अँखिया…

पटरी ना खाई – जितराम पाठक

पटरी ना खाई – जितराम पाठक

Byजितराम पाठकSep 26, 20241 min read

अरुआइल बा बात तहार, हटाव फरका,ले अइब एने अब त पटरी ना खाई। चूरी-टिकुली के हम सुनलीं गीत अनेकनपाकि गइल बा कान,कपार बथत बा फरके,लागल हरकेतू बाड़…

पक्षी/ डॉ इकबाल

पक्षी/ डॉ इकबाल

ByadminSep 30, 20241 min read

बगिया लागावल नेह क देख उजर गइल ।पँक्षी न जाने प्रेम कऽ, पोषल केहर गइल । उठल बयार बर कऽ गुलशन में, एह तरह ।हलात उ सुन-सुन…

पकवा इनार/ नीरज सिंह

पकवा इनार/ नीरज सिंह

ByadminOct 7, 20241 min read

पकवा इनार प के खेतहमरा परिवार के शान रहे ।बाबा कहत रहन हमरा सेलड़िकाईं मेंजानत बाड़ऽ बबुआसिपाही के नोकरी सेरिटायर अइनी तसब जमापूंजीलगाके किनले रहीं इहेडेढ़ बिगहवा…

नेता/ आचार्य महेंद्र शास्त्री 

नेता/ आचार्य महेंद्र शास्त्री 

ByadminSep 30, 20241 min read

बाबू कैसन तहार हवे मनवाँका कबहुँ ना होई इमनवाँ ? कूदल फनल वन गइल नेतातन मन धन सब लोगवा देता आपन चलवल दुकनवां ।तहरे के त्यागी तहरे…

कविता/ गीत / गज़ल - भोजपुरी मंथन - Page 14