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चइत के छन्द / अशोक द्विवेदी

चइत के छन्द / अशोक द्विवेदी

कोइलरि कूहे अधिरतिया आ बैरीचइत कुहुँकावे.रहि रहि पाछिल बतिया इ बैरीचइत उसुकावे. कुरुई-भरल-रस-महुवा, निझाइलकसक-कचोटत मन मेहराइलउपरा से कतना सँसतिया, आ बैरीचइत कुहुँकावे फगुवा गइल दिन कटिया के आइलअइले ना उहो, खरिहनवा छिलाइलकब मिली उहाँ फुरसतिया, इ बैरीचइत कुहुँकावे मुसवा-बिलइया, चुहनिया…

घाव उभर गइल जादा – अभिषेक यादव

घाव उभर गइल जादा – अभिषेक यादव

ByadminSep 26, 20241 min read

जिनगी के ह रंग सयाना ई का भइल दादा हो, अपने गोड़ गड़ासी पाजऽ घाव उभर गइल जादा हो। सूख गइल बा पोखरा गड़ही सूख रहल बा…

गौरैया / केशव मोहन पाण्डेय

गौरैया / केशव मोहन पाण्डेय

जइसे दूध-दही ढोवेसबके सेहत के चिंता करे वालागाँव के ग्वालिन हऽगौरैयाएक-एक फूल के चिन्हें वालामालिन हऽ।अँचरा के खोंइछा हऽविदाई के बयना हऽअधर के मुस्कान हऽलोर भरल नैना…

गोरख बाणी / गोरखनाथ

गोरख बाणी / गोरखनाथ

ByगोरखनाथSep 20, 20241 min read

 नाथ बोले अमृत बाणी  वरिषेगी कंबली भीजैगा पाणी ।गाडी पडरवा बांधिले शूंटा, चले दमामा बाजिलै ऊंटा ।कऊवा की डाली पीपल बासे, मूसा कै सबद बिलइया नासे ।चलै…

गोपी लोग का प्रहार से आहत उधोजी के दीन-दशा/…

गोपी लोग का प्रहार से आहत उधोजी के दीन-दशा/…

ByadminOct 1, 20241 min read

आभी- गाभी बोलि गोपी लोग, करे लागल बचन प्रहार ।ज्ञान-गुमानी उधो बाबा, माने लगले तब मन के हार ॥का उत्तर दीं केकर कइसे, सभके तेज अनोखा धार…

गुलबिया क चिट्ठी – कैलाश गौतम

गुलबिया क चिट्ठी – कैलाश गौतम

ByadminSep 26, 20242 min read

कहीं निरदयी कि बेदरदी कहीं हमभुलक्‍कड़ कहीं कि अलहदी कहीं हमकि झुट्ठा कि लंपट कि बुद्धू अनाड़ीकि अकड़ू कि अँइठू कि पक्‍का खेलाड़ीगयल हउवा जब से न…

गुरु सुमीरन/ डॉ गोपाल ठाकुर

गुरु सुमीरन/ डॉ गोपाल ठाकुर

ByadminSep 30, 20241 min read

सुमिरन कर ले गुरुजन केनिरमल कर ले निज मन के हटल अऩरिआ हिरदय सेकिरिन फुटवलें सिखवन के कहत करत जे भर जिनगीतन अइसन जे गुरुजनके करम पुजन…

गुरु पुर्णिमा/ जगदीश नारायण सिंह ‘ऋषिवंशी’

गुरु पुर्णिमा/ जगदीश नारायण सिंह ‘ऋषिवंशी’

ByadminSep 30, 20241 min read

गुरु का हमारे देश में तो पूज्यनीय महत्त्व है ।गुरु पुर्णिमा दिवस का गरिमामयी अस्तीत्व है ।।गुरु पुर्णिमा अपनी जगह शिक्षक दिवस अब आ गया ।इस बदलते…

गुरु जी पधरनी दुवार/ दीपक तिवारी

गुरु जी पधरनी दुवार/ दीपक तिवारी

ByadminSep 24, 20241 min read

रउवा ढेर दिन पर गुरु जी पधरनी दुवार,अवसर दिहनी हमरा के करे के सत्कार। हाल चाल कुशल मंगल आपन बताई,दिहीं आशीष शिर पर हथवा फेराई।मकसद बताई लेके अइनी का विचार…अवसर…

गुर कीजै गरिला निगुरा न रहिला – संत गोरखनाथ

गुर कीजै गरिला निगुरा न रहिला – संत गोरखनाथ

ByadminSep 27, 20241 min read

गुर कीजै गरिला निगुरा न रहिला।गुर बिन ग्यांन न पायला रे भईया॥टेक॥ दूधैं धोया कोइला उजला न होइला।कागा कंठै पहुप माल हँसला न भैला॥1॥ अभाजै सी रोटली…

कविता/ गीत / गज़ल - भोजपुरी मंथन - Page 21